SC ने कहा आलोचना करना कोई अपराध नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा की आलोचना करना कोई अपराध नहीं है, तो लोकतंत्र नहीं बच पाएगा। पुलिस ने कहा कि संविधान में दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में सवेन्दनशीलता होनी बहुत जरूरी है।
कोर्ट के मुताबिक :
“भारत का संविधान, अनुच्छेद 19(1)(A) के भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है. उस गांरटी के तहत प्रत्येक नागरिक को आर्टिकल 370 को खत्म करने के फैसले की आलोचना का अधिकार है या प्रत्येक नागरिक के पास सरकार के हर फैसले की आलोचना करने का अधिकार है. उन्हें ये कहने का अधिकार है कि वो सरकार के किसी फैसले से नाखुश हैं.”
क्यों हुआ था मामला दर्ज?
सुप्रीम कोर्ट ने 7 मार्च को कश्मीरी प्रोफेसर जावेद अहमद हजाम के केस के मामले में निर्णय दिया । कोर्ट के द्वारा इस मामले को उनके खिलाफ रद कर दिया गया। 5 अगस्त 2019 के समय केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था। बताया जा रहा है कि, जावेद अहमद महाराष्ट्र के कोल्हापुर कॉलेज में कार्यरत हैं। जिन्होंने 5 अगस्त को एक वॉट्सऐप स्टेटस लगाया और जम्मू-कश्मीर के लिए उसे ‘ब्लैक डे’ बताया।
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प्रोफेसर के द्वारा 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना भी दी गई थी। उन्होंने यह भी लिखा था कि वो अनुच्छेद 370 के हटाए जाने से खुश नहीं है।