रूस की राजधानी मॉस्को पर हुआ हमला
आपको बता दें की रूस की राजधानी मास्को में हाल ही में एक आतंकबादी हमला हुआ है । इस हमले में लगभग 60 लोगों की जान चली गयी है और बताया जा रहा है की 145 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं । आतंकवादी संगठन ISIS ने इसको अपनी जिम्मेदारी माना । रूस में हुआ यहअब तक का सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है ।
रिपोर्ट के अनुसार 23 मार्च को मॉस्को के पश्चिमी छोर पर स्थित क्रोकस सिटी हॉल में रूसी रॉक बैंड ‘पिकनिक’ का एक कंसर्ट था जिसे देखने कई लोग वहां पर इकठे हुए थे , तभी वहां अचानक से फायरिंग और बमबारी होने लगी। बमबारी के चलते आग लगने से लोगो के हॉल के अंदर फसने की सुचना भी मिल है। आतंकवादियों को पकडंने के लिए रूस की स्पेशल फाॅर्स द्वारा ऑपरेशन चलाया जा रहा है । अंदेशा है की आतंकवादी पहले से ही हॉल में छिपे हुए थे। जिस हॉल में ये हमला हुआ है वहां पर एक साथ 6000 से अधिक लोगो के जमा होने की व्यवस्था है। घायलों की मदद के लिए 70 एम्बुलेंस मोके पर मौजूद हैं। सोशल मीडिया पर घटना के कई वीडियो लोगो के द्वारा डाले गए हैं जिसमे गोलीबारी करते हुए लोग साफ़ दिखाई दे रहे हैं।
इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने अपने टेलीग्राम चैनल पर इसकी जिम्मेदारी ली और कहा की घटना में शामिल आतंकी बापिस सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए हैं।
रूसी सरकार का क्या आया बयान
मॉस्को के गवर्नर आंद्रे वोरोब्योव ने हमले को लेकर कहा कि वो घटना की जानकारी मिलने के बाद तुरंत मौके पर पहुंचे. बताया कि घटना की जांच के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। मास्को के मेयर सार्जे सोबयानिन ने घटना को एक बड़ा हादसा बताते हुए शोक व्यक्त किया ह। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने इसे एक बर्बर और खूनी आतंकवादी हमला करार देते हुए अन्य देशों से हमले के खिलाफ आवाज उठाने की बात कही है।
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अमेरिका का बयान ?
अमेरिका ने भी मास्को हमले पर बयान दिया है. व्हाइट हाउस में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जॉन किर्बी ने हमले पर बताया कि घटना की तस्वीरें डराने वाली हैं घटना को लेकर उन्होंने कहा :
‘घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं। कई मां, बाप, भाई, बहन, बेटे और बेटियों होंगी, जिन्हें घटना के बारे में अभी तक पता ही नहीं होगा, उनके लिए ये मुश्किल वक्त होने वाला है। ‘
दूसरी और इस हमले को लेकर अमेरिका पर आरोप लग रहे हैं कि हमले के बारे में पता होते हुए भी उन्होंने रूस को इस बारे में आगाह नहीं किया।
रूस स्थित अमेरिकी एंबेसी ने पहले ही रूसी अधिकारियों से सामने आतंकी हमले की आशंका व्यक्त कर दी थी. कहा गया था कि कुछ कट्टरपंथी समूह किसी बड़े सामूहिक कार्यक्रम के दौरान हमले की साजिश रच रहे हैं। 7 मार्च को एम्बेसी द्वारा जारी एक एक एडवाइजरी जारी कर US ने रूस में मौजूद अपने नागरिकों से अगले 48 घंटे तक किसी भी तरह के सामूहिक कार्यक्रमों में शामिल ना होने के निर्देश दिए थे ।