31 साल बाद ज्ञानवापी में हिन्दुओ को मिला पूजा अधिकार

आपको बता दें की हिन्दू पक्ष को ज्ञानवापी में पूजा का अधिकार दे दिया गया है। अब व्यास तहखाने में हिन्दू पूजा करने जा सकता है। आपके भी मन में यही सवाल होगा आखिरकार ये व्यास का तहखाना क्या है ? आखिरकार क्यों हिन्दू इसको इतना मानते हैं ? तो चलिए आपको इन सभी सवालों के जबाब दे देते हैं। असल में व्यास जी का तहखाना ज्ञानवापी के नीचे ही स्थित है, यहाँ पर हिन्दू धर्म की मुर्तिया मिली हैं। हाल ही में ASI का सर्वे हुआ जिसमे हिन्दू धर्म का मंदिर होने का साक्ष्य पाया गया है। हिन्दू वकील विष्णु शंकर जहाँ पर नदी बहती है वहां ठीक सामने व्यास जी तहखाना पाया गया है। 1993 तक इस जगह पर हिन्दू लोग पूजा अर्चना करते थे। लेकिन तब की पर रोकथाम लगा दी थी।

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अब इस रोकथाम को खत्म किया है जिला अदालत ने। लेकिन अब यहाँ पर एक और मुद्दा सामने आया है जिसमे पांच महिलाओं ने अपनी शिकायत दर्ज की है और कहा है कि ये इलाका श्रृंगार गौरी मंदिर का है जो ज्ञानवापी के बिलकुल साथ में ही है। वहाँ पूजा के अधिकार लेकर जब ‘बात समाने आयी तो ये ज्ञानवापी का सर्वे किया गया , अब ज्ञानवापी में पूजा का अधिकार मिल गया है मगर ये श्रृंगार गौरी से बिलकुल अलग है , और बुधवार को कोर्ट से आर्डर हैं कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा कशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से सात दिनों के अंदर राग भोग की रस्मे की जाएं। डीएम वाराणसी के निर्देश दिया गया है कि वह सेटलमेंट प्लाट नम्बर 9130 चौक जिला वाराणसी में स्थित भवन में दक्षिण की तरफ स्थित व्यास तहखाने में कशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से भोग इत्यादि की व्यवस्था करें।

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