SC ने कहा अति पिछड़े वर्गो को अब आरक्षण का मौका मिलना चाहिए

आरक्षण को लेकर मंगलवार को उच्च न्यायलय में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है जिन पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ मिला है , अब उन्हें इससे बहार निकलना चाहिए । उनके बाहर निकलने से उनसे पिछले वालो के लिए भी रास्ता बनेगा । सुप्रीम कोर्ट में सात जजों की संविधान बेंच इसकी सुनवाई कर रही है , जिसमे आरक्षण को लेकर चर्चा हो रही है। अब एक सवाल है की क्या राज्य सरकार दाखिलों और सरकारी नौकरी के में आरक्षण देने के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में उप वर्गीकरण का हक़ है ?

क्या कहा था इससे पहले सप्रेम कोर्ट ने ?

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2004 में फैसला दिया था कि, राज्यों के पास आरक्षण देने के लिए अनुसूचित जाति और जनजाति को आगे उपवर्गीकृत करने का अधिकार नहीं है।
इस पर पंजाब सरकार ने कहा कि 2011 में सुप्रीम कोर्ट रुख कर रहा था कि शीर्ष न्यायलय का 2004 वाला फैसला लागु नहीं होता।

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सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच इस निर्णय की वैधता की समीक्षा करता है, इस मामले की सुनवाई में SC द्वारा कहा गया कि कुछ खस जातियों ने इसमें बेहतर प्रदर्शन किया है। अब उनको इस श्रेणी से निकल जनरल श्रेणी का मुकावला करना चाहिए । आरक्षण का लाभ अब सर उनको िलना चाहिए जो अति पिछड़ा वर्ग है।

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