DFHL के वधावन ब्रदर्स की सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की रद

दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (DHFL) के पूर्व प्रोमोटर कपिल वधावन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने करोड़ो रूपये के बैंक कर्ज घोटाला मामले में कपिल वधावन और उनके भाई धीरज वधावन को मिली जमानत ख़ारिज कर दी। न्यायमूर्ति बेला एक त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट और निचली अदालत ने उन्हें जमानत देकर गलती की है।
पीठ ने कहा ” ये कहने में हमे कोई आपत्ति नहीं “कि आरोप पत्र दाखिल किये जाने और उचित समय पर संज्ञान लिए जाने के बाद प्रतिवादी एक एक अधिकार के रूप में वैधानिक जमानत देने का दावा नहीं कर सकते।

सीआरपीसी के अंतर्गत जाँच एजेंसी साथ या नब्बे दिनों की अवधि के भीतर किसी आपराधिक मामले की जाँच की समाप्ति पर आरोप पत्र दाखिल करने में सफल नहीं रही तो आरोपी जमानत पाने का हक़ रखता है। इस बात पर CBI ने प्राथमिकी दर्ज करने के 88 वे दिन आरोप पत्र दाखिल किया। इसके बाद निचली अदालत द्वारा आरोपी को जमानत दे दी गयी और दिल्ली हाईकोर्ट ने भी आदेश को कायम रखा । आपको बता दें बैंक कर्ज घोटाले में वधावन भाइयो को पिछले वर्ष उनीस जुलाई को गिरफ्तार कर लिया , और मामले में 15 ऑक्टूबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया और इस पर संज्ञान लिया गया। मामले में प्राथमिकी यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा की गयी शिकायत दाखिल की।

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जांच एजेंसी ने लगभग सत्रह बैंको के एक समूह से 34000 करोड़ से ज्यादा की धोकाधड़ी दर्ज की है। ये सब बैंको के ग्रुप का नेतृत्व यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया कर रहा था। इसी की शिकायत पर वधावन और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया , इन आरोपियों द्वारा 2010 – 18 के बीच DFHL को 42.871 करोड़ रूपए का कर्ज दिया था। इन्होने 2019 कर्ज चुकाने में चूक की और 34,615 करोड़ की धोकाधड़ी की

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