रविशंकर बोले : अगर कांग्रेस नहीं जाएगी तो उनकी पीढ़ी उनसे भविष्य में सवाल पूछेगी

22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति प्रतिष्ठान होगा। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी समेत देश -विदेश की और भी कई जानी मानी हस्तियां शामिल होंगी। मंदिर के निर्माण से पहले ये मुद्दा काफी समय तक विवादों में रहा । जिसमे काफी लम्बी अवधि तक दोनों पक्ष क़ानूनी लड़ाई लड़ते रहे। पहले ये मामला इलाहबाद हाई कोर्ट में चला और फिर इसे सुप्रीम कोर्ट में भेज दिया गया।

विपक्ष की तरफ से यह आरोप लगाया जा रहा है कि ये कार्यक्रम बीजेपी और आरएसएस कि तरफ से किया जा रहा है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में काफी सवालों के जबाब दिए। उन्होंने बताया कि वह काफी समाय तक इस मामले के साथ जुड़े हुए हैं और क़ानूनी मामलो से भी काफी करीबी से जुड़े हुए है। इसमें मुस्लिम पक्ष ने अपना पक्ष दृढ़ नहीं रखा कि इस बाबरी मस्जिद पर उनका हक़ है । परन्तु ये जगह रामलला की है इस पर हिन्दुओं का विश्वास हमेशा बना रहा। आगे उन्होंने बताया कि ASI टीम के सर्वेक्षण के जरिये ये पूर्णतया से स्पष्ट हो चुका है कि आठवीं -नौवीं शताव्दी के बहुत पुराने मंदिर के खंडहरों पर बाबरी मस्जिद तैयार की गयी है।

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अब मेरा एक सवाल है कि जैसे इन वैज्ञानिको ने राम मंदिर सर्वे में कुशलता दिखाई वैसी कुशलता का प्रदर्शन सोमनाथ मंदिर के मामले में क्यों नहीं दिखाई।
आगे उदाहरण देते हुए कहा जब भारत आजाद हुआ तो पूरा देश रानी विक्टोरिया , लार्ड होर्डिंग , किंग जॉर्ज पंचम की मूर्तियों से भरा पड़ा था क्योंकि वो रचनात्मक का प्रतीक नहीं बल्कि गुलामी का प्रतीक थे। वह तरीका यहाँ क्यों नई वरता गया

BJP औरआरएसएस का प्रोग्राम?

इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा , यह मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनने जा रहा है। इसके लिए कोर्ट ने एक कमिटी का गठन किया है। किसी भी राज्य निधि का उपयोग नहीं किया जा रहा। परन्तु एक बात तो है कि इस भव्य मंदिर को शहर में बनाने के लिए पीएम मोदी ने पहल की है। क्या वहां इतना सूंदर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन होता क्या ? लेकिन दूसरी पार्टी को तो बीएस भान चाहिए , कांग्रेस ने स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई लड़ी , जानते हैं महात्मा गाँधी ने राम राज्य की स्थापना की। अफ़सोस ये है कि वह नहीं जा रहे हैं , भविष्य में उनकी पीढ़ी सवाल पूछेगी

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