अशोक चव्हाण शामिल होने जा रहे भाजपा में ?
महारष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस को छोड़ दिया है।13 फरवरी को वह दिन के 12 बजे वो भाजपा में समिल्लित हो जायेंगे। और ये भी खबरि है की इसके बाद कई और लोग भी कांग्रेस छोड़ने की बात कर रहे हैं। आपको याद दिला दें कि बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा तो पहले से ही कांग्रेस छोड़ चुके हैं। आप भी देख लीजिये कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले कितने बड़े झटको का सामना करना पड़ रहा है। कुछ सूत्रों से पता चला है की चुनाव से पहले राज्य में बड़े पैमाने विधायकों का फेरबदल हो सकता है।
अशोक चव्हाण नांदेड़ क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं वह साल 2015 से 2019 तक महारष्ट्र कांग्रेस पार्टी के नेता भी रह चुके हैं। यह सबसे प्रतिभाशाली नेताओ में से एक थे। जैसे ही उन्होंने इस्तीफ़ा दिया उसी समय विधान परिषद के पूर्व सदस्य अमरनाथ राजुरकर ने भी कांग्रेस को छोड़ दिया।
और इसके बाद लगभग अठारह नाम चर्चे में आये हैं विधायकों के जो इस्तीफ़ा देंगे। इनमे से जिनके नाम चर्चा में हैं वह हैं जितेश अंतापुरकर, मोहन हंबार्डे और माधवराव पवार, लातूर से अमित देशमुख और धीरज देशमुख और विजय वडेट्टीवार सम्मिलित हैं, साथ ही ये अफवाह भी है की बाबा सिद्दीकी और उनके बेटा जीशान भी NCP में शामिल होने वाले हैं। परन्तु कांग्रेस विधायक ने इस बात को झूठ बताया है। जिस समय से चव्हाण ने इस्तीफ़ा दिया है तबसे कांग्रेस सरकार हलचल में आयी हुई है। और यसभा खास बात यह है कि बालासाहेब थोराट और पृथ्वीराज चव्हाण ने यह दावा किया है कि राज्य में सभी विधायक उनके सम्पर्क में हैं। और सबने यह दावा क्या है की सब विधायक पार्टी के साथ हैं और बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वह झूठी खबरें फैला रहे हैं।
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कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा संसद संजय निरुपम ने चव्हाण के इस्तीफे का मुख्य कारण बताया कि चव्हाण को महारष्ट्र के एक नेता का काम करने का तरीका पसंद नहीं था। अगर हम पहले से उनकी शिकायत पर ध्यान देते तो शायद वो इस्तीफ़ा न देते।