Roose Ukrain war

नौकरी के बहाने कई भारतीय युवाओ को रूस बुलाकर जबरदस्ती युद्ध में भेजा

आपको ताजा खबर में रूस में काम करने के लिए बुलाये गए भारतियों को ठग लिया गया है, जिसे लेकर भारत ने बयान जारी किया है।विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता श्री रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को दिए बयान में कहा है


‘कई भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में काम करने के नाम पर धोखा दिया गया है। ’

उन्होंने यह भी कहा,

जायसवाल ने एक नियमित इंटरव्यू में कहा “सीबीआई ने कल कई शहरों में तलाशी लेते हुए एक प्रमुख मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और आपत्तिजनक साक्ष्य भी इकठे किए। अब कई एजेंटों के विरुद्ध मानव तस्करी का मामला दर्ज कर लिया गया है। हम बार – बार भारतीय नागरिकों के आगे अपील करते हैं कि वे समर्थन के लिए एजेंटों द्वारा दिए गए प्रस्तावों के बहकावे में कतई न आएं।रूसी सेना के साथ नौकरी करना खतरे से खाली नहीं है।

हमने ऐसे भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए मामले को दृढ़ता से उठाया है. झूठे बहाने बनाकर उन्हें भर्ती करने वाले एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है. हम रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में काम कर रहे अपने नागरिकों की शीघ्र रिहाई और फिर अंततः घर लौटने के लिए प्रतिबद्ध है। ’

अब होगी मानव तस्करी नेटवर्क की सीबीआई जांच

अधिकारियों का कहना है कि एजेंसी ने अलग -अलग वीजा परामर्श फर्मों और एजेंटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है । और उन्होंने बताया कि जब तलाशी की गयी तो उस वक्त लोगों को हिरासत में लिया गया है और 50 लाख रुपये भी जब्त हुए हैं। उनका कहना है कि एजेंसी को ऐसे बहुत से उदाहरण मिले हैं जिनमें सोशल मीडिया चैनलों और स्थानीय संपर्कों और एजेंटों द्वारा उच्च वेतन वाली नौकरियों के झूठे वादे का लालच देकर कई युवाओ को रूस ले जाया गया था।

कितने लोगों से हुआ सम्पर्क


इस पर जायसवाल ने कहा की लगभग 20 लोगों ने हमसे संपर्क किया है और हम उनका पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, हम रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं.’ रूस में एक भारतीय नागरिक की मौत के बाद विदेश मंत्रालय का बयान आया है।

किसको लड़ने के लिए मजबूर किया गया

भारत सरकार ने जैसे ही स्वीकार किया कि तेलंगाना, कर्नाटक और अन्य जिलों के कुछ युवाओं को रूसी सेना में धोखे से शामिल किया गया था, एक और वीडियो कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सामने आया जहां पंजाब और हरियाणा के सात युवाओं ने कहा कि उन्हें इस युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया गया था।

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इसके साथ साथ हम आपको बता दें की रूस में भारतीय दूतावास के माध्यम से पता चला है कि दो दिन मृतक को मोहम्मद असफान के रूप में पहचाना गया है। मीडिया में आने वाले खबरों के हिसाबसे रूसी सेना में जो भारतीय सुरक्षा सहायक के रूप में भर्ती किए गए कई को यूक्रेन से लगे रूस के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में रूसी सैनिकों के सेहत जबरदस्ती लड़ने के लिए कहा गया। आपको बता दें कि, रूस और यूक्रेन में फरवरी 2022 से जंग जारी है।

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