हड्डियों से बन रहे कुश नामक ड्रग का नशा करने के लिए पश्चिम अफ्रीका में लोग खोद रहे हैं कब्रे
आपको बता दें कि दुनिया में अजीब – अजीब सा पागल – पन छाया रहने की खबरे आती रहती हैं ऐसा ही कुछ और सामने आया है कि पश्चिम अफ्रीका के देश सिएरा लिओने में मानव हड्डियों से बनने वाले नशे के लिए नशेसी कब्र खोद रहे हैं। और ऐसा ड्रग्स इंसान की हड्डियों से बनती है। ऐसे में एडिक्टेड नशेड़ियों ने अपनी लत को पूरा करने के लिए कब्रें खोदना शुरू कर दी हैं । और यह क्राइम इस कद्र बढ़ गया है कि सरकार ने इसे बहुत भयावह बताया है जिसे देश में राष्ट्रिय आपातकाल घोषित कर दिया जा चुका है। साथ ही शवों को बचाया जा सके इसके लिए कब्रों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।
बात ऐसी है कि लोग यहाँ आ कर कुश नाम का ड्रग का नशा कर रहे हैं । जिस के लिए इंसान के इंसान की हड्डियों की जरूरत पड़ती हैं।
आपतकाल (उड़दा लियोन)
राष्ट्रपति जूलियस माडा बायो का यह कहना है कि इस तरह का नशा किसी मौत से कम नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार दिन में बीएस एक बार यह नशा करने से नशेड़ी पूरा दिन नशे में रहते हैं। जो कि बहुत ही हानिकारक है । BBC के अनुसार , ये नशा करने से पहले बहुत से नोजवानो की इससे मौत हो चुकी है। मरने वालो में से बहुत से नौजवान अठारह से पचीस साल के बीच के युवा हैं । कुश के ओवरडोज की बजह से शरीर के अंग चलना बंद करते हैं। रिपोर्ट्स की बात करें तो अस्पतालों में बहुत से मरीज इसी के समस्याओं से जुडी हुई है।
सिएरा लियोन के साइकेट्रिक अस्पताल ने कुछ आंकड़े जारी किये हैं उनके अनुसार साल 2020 – 2023 के मध्य कुछ का नशा करने वालो की संख्या ए दिन बढ़ती जा रही है । इसलिए कब्रिस्तानों की संख्या बढ़ा दी गयी है। ब्रिटिश मीडिया संस्थान डेली मेल के मुताबिक, कुश एक प्रकार का सिंथेटिक ड्रग है। सिंथेटिक दवाएं रसायनों का उपयोग करके बनाई गई दवाएं हैं। फूँकना और नशे में धुत्त होना। ऐसे में जहर देने के लिए गांजा, चरस, कीटनाशक और माल्टिन जैसे घातक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आप यहीं नहीं रुके. उसने शव की हड्डियां उठाईं और शराब पीने लगा।
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ब्रिटिश मीडिया संस्थान डेली मेल के मुताबिक, कुश एक प्रकार का सिंथेटिक ड्रग है। सिंथेटिक दवाएं रसायनों का उपयोग करके बनाई गई दवाएं हैं। फूँकना और नशे में धुत्त होना। ऐसे में जहर देने के लिए गांजा, चरस, कीटनाशक और माल्टिन जैसे घातक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आप यहीं नहीं रुके. उसने शव की हड्डियां उठाईं और शराब पीने लगा।
सबसे पहले हड्डियों को कुचला जाता है। इसे पीसकर पाउडर बना लें और कुश मिश्रण में मिला दें। फिर हम इसे कागज में लपेटते हैं और उड़ा देते हैं। मानव हड्डियों में मौजूद सल्फर कुश विषाक्तता के लिए उत्प्रेरक का काम करता है। जलाने पर हड्डियों में मौजूद सल्फर ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करके सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) बनाता है। इससे गंभीर नशा हो जाता है। एक व्यक्ति स्वयं को “पत्थरग्रस्त” अवस्था में पाता है। इसका मतलब यह है कि हड्डियाँ दवा की प्रभावशीलता को दो, तीन गुना और शायद इससे भी अधिक बढ़ा देती हैं।