भारत के साथ-साथ अमेरिका और चीन में भी बड़े स्तर पर होती है खेती लेकिन भारत में किसान क्यों है इतना परेशान ?

अमेरिका और चीन जैसे देशों में भी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है परंतु वहां का किसान अधिक समृद्ध क्यों है।MSP पर कानून बनाने के लिए जब और हरियाणा के किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। किसान अपनी सरकार के खिलाफ लगातार दबाव बनाए हुए हैं सरकार किसानों की सभी शर्तें मानने के लिए तैयार नहीं दिख रही है और ना ही किसान पीछे हटने के लिए तैयार है ।भारत में यह कोई पहला मौका नहीं है जो किसान सड़कों पर उतरे हैं इतिहास में कई बार पंजाब और हरियाणा की धरती से ऐसे आंदोलन पैदा हुए हैं। आजादी के इतने वर्षों के बाद भी किसान अपनी मांगों को लेकर सड़क पर डटा हुआ है हालांकि एमएसपी और हरित क्रांति जैसे कई क्रांतिकारी कम किसानों के लिए उठाए गए हैं पर फिर भी किसान अपनी बुनियादी जरूरत को पूरी नहीं कर पाया है।

इतना सब होने के बावजूद किसने की आय में इतनी वृद्धि नहीं हो पाई है सम्मानजनक जीवन जी सके और अभी भी भारत में किसानों के हालात चिंता का विषय बने हुए हैं।

चीन और अमेरिका जैसे देशों में भी किसानों की अच्छी खासी संख्या है परंतु वहां का किसान भारत के किसानों के मुकाबले अधिक समृद्ध है इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। चीन में आज से 45 वर्ष पहले 1979 मैं एक कॉन्सेप्ट अपनाया गया था जिसका नाम है HRS सिस्टम HRS मतलब हाउसहोल्ड रिस्पांसिबिलिटी सिस्टम। इस मॉडल में लोगों को खेती बाड़ी में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था देश को अनाज के रूप में आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस सिस्टम के अनुसार जितने ज्यादा लोग खेती करेंगे उतना ही अधिक उत्पादन होगा और देश खाद्य सामग्री के मामले में आत्मनिर्भर होगा।

इस सिस्टम में गांव के हर परिवार को जमीन पर खेती करने के लिए कहा जाता था साथी लोगों को यह अधिकार दिया गया था कि वह कौन सी फसल उगाना चाहते हैं। इससे लोगों में जिम्मेदारी का भाव पैदा हुआ कि उन्हें ज्यादा मेहनत करनी है और अधिक खाद्य सामग्री का उत्पादन करना है सरकार को जाता था वह अपनी मर्जी के मुताबिक बाजार में भेज सकता था।

इस सिस्टम की वजह से चीन में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जबरदस्त सुधार देखने को मिला और साथ ही साथ रिकॉर्ड उत्पादन भी हुआ जिस वजह से कुछ ही वर्षों में चीन कृषि और गैर कृषि दोनों तरह की आमदनी में बढ़ोतरी हुई। 1948 तक चीन में अनाज गेहूं और चावल का उत्पादन सिर्फ 24.7 करोड़ टन था HRS आने के बाद जो बढ़कर 47 करोड़ टन पहुंच गया।जो कि पहले से बहुत ज्यादा है।

चीन का सीक्रेट निवेश फार्मिंग सेक्टर पर क्या रहा असर

चीन कृषि क्षेत्र बहुत भारी भरकम निवेश भी करता है। तीन ज्ञान बहुत महत्व देता है और समय समय पर नए प्रयोग करने के लिए उत्साहित रहता है। तो चलिए अब आपको अवगत कराते हैं कि भारत में खेती बाड़ी को लेकर के 1.4 तो दूसरी तरफ चीन में 7.8 बिलियन।इसीलिए चीन हमेशा खेती-बाड़ी के नए प्रयोग के लिए आगे रहता है।

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आपको बता दे कि चीन में एक बेहद खास बात है कि वहां पर किसानों को अलग-अलग तरह की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिसमें की जैसी जमीन होगी वैसी खेती की जाएगी। इसलिए वहां पर कम जमीन पर भी बहुत ज्यादा खेती उगाई जाती है परंतु भारत में उगाई जाने वाली कुछ सीमित फसलें हैं। जिस वजह से उत्पादन कम होता है।

क्या है अमेरिका की खेती के हालात?

अगर हम बात करें अमेरिका जैसे बड़े देशों की तो हमें इसमें खेती नहीं दिखाई देती सिर्फ बड़ी-बड़ी बिल्डिंग ही नजर आती हैं।परंतु जिस तरह अमेरिका का नाम विकसित देशों में गिना जाता है इस तरह वहां पर खेती ने भी क्रांति मचाई हुई है। अमेरिका में सबसे अच्छी बात यह है कि वहां की किस भी पढ़े लिखे हुए हैं। जिसकी वजह से आए दिन वह खेती में नए-नए प्रयोग कर अच्छी फसल उगाते हैं। वहां के किस पर लिखकर खेती पर रिसर्च करते हैं और नए-नए देखने को को खेती में आजमाते हैं।अमेरिका का किसान तकनीकी रूप से बहुत ही मजबूत माना जाता है।

हम आपको बताना चाहते हैं कि अमेरिका के किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच कर उसमें फसल उगाता है। जो की बेहतरीन फसल के लिए एक अच्छा कार्य है। बदलते मौसम के साथ मिट्टी में भी काफी बदलाव होने लगते हैं। जिस वजह से यह जरूरी है कि किस समय समय पर मिट्टी की जांच कर उसमें फसल उगाये।

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