इस साल हीट वेव आने की आशंका जताई जा रही हैं
भारत का मौसम विभाग यानि की IMD ने अप्रैल से जून के बीच में हीट वेव आने की आशंका जताई है । ऐसे में सरकार से लेकर चुनाव आयोग तक सब मौसम को लेकर थोड़े अलर्ट हो चुके हैं , अब हाल ही में दिल्ली के चिड़ियाघर के जानवरो के गर्मी से बचने का खास तौर से इंतजाम की जाने की खबरे आ रही हैं। बताया जा रहा है की 6 अप्रैल तक तापमान ज्यादा रहने और हीट वेव आने की की भी वार्निंग दी गयी है।
गर्मी के हालत देखते हुए ओडिशा में स्कूलों को सुबह जल्दी खोल दिया जायेगा । केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया भी लगातार हीट वेव को लेकर मीटिंग्स कर रहे हैं। आप खुद भी देख सकते हैं की अप्रैल के शुरू होते ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया ही। और बहुत से राज्यों में पारा चालीस डिग्री को पहुँच चूका है। अब आप भी अंदाजा लगा रहे हैं की इस साल क्या गर्मी ज्यादा होगी और अगर होगी तो इसके पीछे का क्या कारण होगा ?
आपको बता दें कि पृथ्वी विज्ञान एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री किरेन रिजिजू ने भी अपना बयान दिया ही कि इस साल देश के बहुत से भागो में हीट वेव आने का अंदेशा है , उन्होंने ये भी बताया कि हीट वेव पश्चिम बंगाल और ओडिशा से होकर मध्य भारत की तरफ बढ़ सकती हैं
अप्रैल 2024 के दौरान, दक्षिण प्रायद्वीप के बहुत से भागो में और उसके साथ सटे हुए उत्तर-पश्चिम मध्य भारत और पूर्वी भारत के और कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में सामान्य से अधिक उष्ण दिन रहने की आशंका जताई जा रही हैं
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मौसम विभाग ने भी बदलते मौसम और गर्मी को लेकर अपनी तरफ से सुझाव जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने भी गर्मी में मतदाताओं के लिए कुछ सुझाव जारी किये हैं। और पोलिंग बूथ पर भी अच्छे इंतजाम करने की बात की हैं। वहीं IMD का कहना हैं कि ये साल हीट वेव से बुरी तरह झुंजेगा और साथ ही उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों को छोड़कर पूरे देश मेें गर्मी अपना केहर ढायेगी इस साल लगभग पूरे देश में तापमान सामान्य से अधिक होने के चान्सेस है।
क्या कारण हो सकता हैं इतनी गर्मी के पीछे ?
अगर हम बात करें विशेषज्ञों की तो ग्लोबल वार्मिग और क्लाइमेट चेंज तो इसके पीछे एक यह वजह भी हो सकती है। इसके साथ ही मौसम विभाग के आंकड़ों के हिसाब से इस साल के मुकाबले पिछले साल पछुआ हवाएं और ज्यादा गर्म और शुष्क थी। जिसके चलते इस साल गर्मी का ज्यादा असर देखने को मिल सकता हैं और इसका दूसरा कारण यह भी हैं की धरती का तापमान बढ़ रहा हैं।