जमानत जब्त किसे कहते हैं ? और क्या जब्त होती है और कितने वोटों से होता है ?
चुनाव लड़ने से पहले हर किसी के मन में एक सवाल आता है कि जमानत जब्त किसे कहते हैं ? और क्या जब्त होती है और कितने वोटों से होता है ? तो चलिए आप परेशान मत होइए हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं।जब चुनाव होते हैं तो अक्सर उम्मीदवारों के मन में यह बात आती है। की चुनाव में हारने वाले हर उम्मीद की जमानत जब्त कर ली जाएगी। और किसी भी उम्मीदवार की जमानत तब जब्त होती है ज़ब कुल बैध वोटों के 1/6 भाग से वोट मिलते हैं।
और ज़ब भी इलेक्शन होते हैं तब कैंडिडेट की हार जीत के साथ – साथ जमानत जब्त के मुद्दे पर भी चर्चा होती है। सबका मानना यह कि जो भी पेट हारेगा उसे ही अब जमानत जप्त करवानी होगी। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। तो आज हम आपको इस लेकर द्वारा बताएंगे कि कौन से उम्मीदवार की जमानत जप्त की जाती है।
यहाँ हम बताएंगे राशि के बारे में
दरअसल बात यूं है कि चुनाव लड़ने से पहले हर उम्मीदवार को एक पर्चा भरना पड़ता है। जहां पर उसे अपने शैक्षणिक डिटेल भरनी पड़ती है। और उसे ही चुनाव में जमानत कहा जाता है। एग्री के उम्मीदवारों को 25000 की राशि राशि के तौर पर जमा करवाने पड़ती है।संविधान सभा के उम्मीदवार को ₹10000 की राशि जमा करवानी पड़ती है। अगर बात करें रिजल्ट क्रांतिकारी की तो वहां पर यह राशि का अमाउंट शून्य है।लोकसभा के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को 12500 और विधानसभा के चुनाव लड़ने वाले को ₹5000 की राशि जमा करवानी पड़ती है। कुल मिलाकर बताना चाहेंगे कि हर चुनाव की जमानत राशि जो है वह अलग-अलग होती है।
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कब होती है जमानत राशि जप्त?
जब उम्मीदवार निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए वैध वोटों 1/6 यानी की साधारण शब्दों में अगर कहें क़ि छठे भाग से अधिक वोट पाने में असफल रहे तब उनकी जमानत राशि जप्त हो जाती है और उनकी जमा की हुई राशि वापस नहीं मिलती, उम्मीदवार अपना परिचय वापस ले लेता है तो भी उसकी जमा की गई राशि वापस मिल जाती है।