यूसीसी लागू करने को लेकर CJI ने कही ये बात
आपको बता दें कि उत्तराखंड में UCC को लागू करने वाला विधयेक पेश किया जा चुका है। अब गुजरात और MP में भी इसी कानून को लागू करने का सोचा जा रहा रहा है। इन दोनों राज्यों में UCC लागू करने पर मंथन किया जा रहा है।
और काफी समय से इस विषय में कोर्ट में लड़ाइयां हो रही थी , कभी भी सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए निर्दश नहीं दिया। शाह बनो बेगम से लेकर मुद्गल बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और जॉन बलामतम बनाम नियन ऑफ इंडिया में UCC का मुद्दा उभारा गया है। CJI चंद्रचूड़ के सनी भी इस तरह के मामले आ चुके हैं।
याचिका को लेकर क्या हुआ था
साल 2021 और 22 में यूसीसी को पुरे देश में लागू करवाने के लिए याचिकाएं दायर कि जा रही थी। इसके लिए लगभग छह याचिकाएं दर्ज हुई थी , और इनके मुद्दे थे तलाक , भरण पोषण गुजरात भत्ता इत्यादि। इन सब याचिकाओं में संविधान के अनुच्छेद 15 का हवाला दिया गया। जिन लोगों ने याचिका दायर कि थी उनमे से थे भाजपा नेता अश्विन उपाध्याय, मौलाना आजाद सहित कई और लोग सम्मिलित थे।
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याचिका कि सुनवाई CJI चंद्रचूड़ ने कि थी जिसमे 6 याचिकाएं थीं। CJI चंद्रचूड़ ने सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया था। और कहा था कि इस तरह के मामले संसद के अधिकार क्षेत्र में आते हैं , और उत्तराखंड में यूसीसी लागु करने से पहले इस सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था तो उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी। शीर्ष अदालत द्वारा जनवरी 2023 में सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया गया था