Jayant Singh

कैराना में भाजपा संग जयंत की दोस्ती क्या रंग दिखाएगी

लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान यूपी की जिन सीटों के लिए होना हैं उनमें से एक नाम है कैराना पार्लियामेंट कैंसीचुएंसी।आपको बता दें कि भाजपा ने फिर से अपनी सीट पर संसद प्रदीप चौधरी को मैदान में उतारा है । जैसे की भाजपा का दावा है कि अगर RLD के जयंत चौधरी का साथ रहा तो वह तीसरी बार लगातार चुनाव जीत सकते हैं । और बीएसपी धर्म सिंह सैनी को मैदान में उतारकर साल 2009 के बाद यहां पर वापसी की तैयारी में है । दूसरी ओर इकरा हसन भी उम्मीद लेकर बैठी है । मगर उनके निशाने पर भाजपा से अधिक RLD प्रमुख है ।ये इलाका (कैराना) दिल्ली से मात्र 103 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । 2013 के उपरांत यहां सांप्रदायिक तनाव फैल रखा है ।

और पूर्व में केवल 50 किलोमीटर की उचित दूरी पर यूपी का मुज्जफरनगर है । और इसके पश्चिम में हरियाणा और करनाल हैं । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि करैना पहले कर्णपुरी के नाम से जाना जाता था और एक खास बात यह है इस इलाके की कि यहां पर सबसे ज्यादा मुस्लिम वोट बैंक ज्यादा है। कैराना लोकसभा में विधानसभा क्षेत्र हैं जिनके नाम इस प्रकार से हैं : कैराना, शामली, थानाभवन, गंगोह और नकुड ।

कैराना का वोट बैंक निर्वाचन आयोग के अनुसार कैराना में कुल मिलाकर 17,22,432 मतदाता है , जिनमें से 9,21,820 पुरुष, 8,00,518 महिला और 871 थर्ड जेंडर वोटर स्ममिलित हैं। इनमें 2,57,244 मतदाताओं की उम्र 60 साल से 100 साल के बीच में है , रिपोर्ट के अनुसार कैराना के टोटल वोटर्स में से 5.45 लाख मुस्लिम वोटर हैं । इसके बाद आते हैं जाट जो कि 2.5 लाख है और दलित वोटरों को जोड़ मिला के सबकी संख्या 2.5 लाख तक पहुँच जाती हैं। और यह भी जाहिर है कि मुस्लिम वोटरों के दबदबे वाली सीट के तौर पर देखा जा रहा है । जिसके बाबजूद 2014 और 19 में जब आम चुनाव हुए थे तो भाजपा ने यहाँ पर जीत हासिल की थी ।

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