क्या है PARAKH क्या होगा NCERT का नया शिक्षा रूल

किसी भी इंसान की योग्यता कागज के टुकड़े द्वारा तय नहीं की जा सकती है। किसी की भी योग्यता एक कागज के पन्ने पर निर्धारित नहीं की जा सकती। भले ही आप कागज के पन्नों पर बहुत अच्छे हो परंतु क्या आप दुनियादारी में भी अच्छे हो, इसका माप आप नहीं कर सकते। इसीलिए अब एक नई तरह के प्रोग्रेस रिपोर्ट का प्रस्ताव रखा गया है छात्रों की प्रोग्रेस को मापने के लिए नियमित रूप से माता-पिता साथ में पढ़ने वाले छात्रों के द्वारा ही फीडबैक दिया जाएगा।

आपको बताते हैं किस तरह से होगा नया प्रोग्रेस रिपोर्ट?

NCERT के तहत एक मानक निर्धारण बॉडी है जिसका नाम है परख। कोई याद दिला दे कि अभी स्कूलों में मूल्यांकन साल के अंत में या बीच में आने वाली परीक्षाओं से होता था इसका पूरा शिक्षकों पर किया जाता था। HPC यानी समग्र रिपोर्ट कार्ड मैं मूल्यांकन को छात्र केंद्रित बनाने का प्रयत्न किया जा रहा है इसके तहत छात्र अपने मूल्यांकन के लिए खुद ही रिस्पांसिबल होंगे और न केवल अपने बल्कि हर बच्चा अपने कक्षा में पढ़ने वाले साथियो की प्रोग्रेस का भी मूल्यांकन करेगा।

आपको थोड़ा और अच्छे से बताते हैं:

मान के चलते हैं कि किसी भी क्लास की एक्टिविटी के बाद हर छात्र को एक फॉर्म दिया जाएगा जिसमें वह बताया कि वह क्या कर पाया क्या नहीं उसने कैसे एक्टिविटी में भाग लिया, क्या उसकी क्लास अच्छी लगी उसको कम पसंद आया तो उसे पर निशान लगाएगी और अगर उसको कम पसंद नहीं आया तो वह उसे पर निशान नहीं लगाएगा।

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नई शिक्षा नीति 2020 के तहत एचपीसी से छात्रों का आत्मविश्वास और उनका आत्म अवलोकन बढ़ेगा। बोर्ड का कहना है कि इस मूल्यांकन पद्धति में केवल बच्चे ही नहीं माता-पिता भी शामिल होंगे। माता-पिता से भी उनके समय-समय पर इनपुट लिए जाएंगे की होमवर्क कैसे करता है घर में फोन कितना चलता है, मजे की बात यह है कि हर्ष क्लास के बाद छात्र अपने साथ वाले छात्र की टिप्पणी करेगा।

कब से होगा यह नीति चालू?

आपको बता दे कब से नहीं होगा यह पहले से ही चल रहा है। बता दे परख PARAKH तीसरी से पांचवी क्लास और मिडिल स्कूल में एचपीसी को तैयार कर लिया है। सेकेंडरी स्टेज के लिए भी तैयार किया जा रहा है, एनसीईआरटी का अनुरोध है कि सभी राज्य एचपीसी को अपनाएं।जिसके पारक की प्रमुख सीईओ इंद्राणी भादुड़ी ने कहा

हमने मार्च, 2023 में चुनिंदा स्कूलों के साथ एक पायलट प्रोग्राम चलाया था. फिर हमने राज्यों से HPC को अपनी ज़रूरतों के हिसाब से जोड़-घटा कर लागू करने के लिए कह दिया. लगभग 15 से 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ CBSE स्कूल अब HPC के आधार पर छात्रों का मूल्यांकन कर रहे हैं.

यह तो वक्त ही बताया कि यह कदम स्कूल के लिए कितना अच्छा साबित होगा

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