पिछले पांच सालो से हो रहे पेपर लीक का मामला अब चुनावो का बना मुद्दा

अभ्यर्थियों के लिए एक खास खबर आयी है, इसमें केंद्र सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल पर नकेल वाला बिल सोमवार को संसद में पेश किया गया। ‘लोक परीक्षा विधेयक, 2024’ के नाम से इस बिल को पेश किया गया है और को लोकसभा में पास कराए जाने के बाद राज्यसभा में भी इसे पेश किया जायेगा। फिर वहां से उसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। जब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसे मंजूरी दे देंगी फिर बाद में ये बिल कानून का रूप ले लेगा। चलिए तो आपको बताते हैं कि लेकिन सवाल ये कि आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

तो बात यूँ है कि , पिछले 5 सालों में 15 राज्यों में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामले जनता के सामने आ रहे हैं। पेपर लीक होना बहुत ही शर्मनाक बात है इस बजह से सिर्फ राज्यों के लिए ही नहीं बल्कि केंद्र के लिए भी चुनौती बन गयी थी । इसलिए नकल बिल बनाने के लिए केंद्र सरकार को एक बिल पास करवाने की जरूरत पद गयी। अभी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नकल पर नकेल वाली बिल को पास करने की हामी दे दी है। जिसके बाद इसे निचले सदन यानी कि लोकसभा में भी पेश किया गया। कुछ राज्यों में परीक्षा लीक की समस्या सबसे बहुत ही व्यापक है।

पिछले 5 साल में 15 राज्यों के करीब 1.4 करोड़ अभ्यर्थियों को पेपर लीक का असर झेलना पड़ रहा है । सबसे बड़ी चौंकाने वाला एक आंकड़ा ये दिख रहा है कि पेपर लीक के कारण 1.04 लाख से कुछ ज्यादा पदों के लिए जिन्होंने आवेदन किया है उनकी संख्या 1.4 करोड़ है इनका करियर दांव पर लग गया।
छानबीन से पता चला है कि में राजस्थान और उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षाओं से लेकर असम, राजस्थान, कर्नाटक और जम्मू और कश्मीर में पुलिस भर्ती परीक्षाओं को सम्मिलित किया गया। इसके अलावा और भी राज्य जैसे उत्तराखंड में वनपाल भर्ती परीक्षा से लेकर तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और राजस्थान में इंजीनियर भर्ती परीक्षा तक की भी जाँच की गई है।

चुनावो में भी बना पेपर लीक का मामला

विभिन्न राज्यों में पेपर लीक के मामले आने वाले चुनावों का मुद्दा बन गया है। इसकी बजह से कई लोगों को नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं और वह सड़को पर आंदोलन कर रहे है। राजस्थान में भी बीते साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावी प्रचार के समय भाजपा ने पेपर लीक मामले का मुद्दा उठाया था और कांग्रेस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए तत्कालीन गहलोत सरकार निशाना बनाया है।
इसी के साथ , तेलंगाना में कांग्रेस ने टीएसपीएस की तरफ से आयोजित परीक्षाओं में पेपर लीक को लेकर बीआरएस सरकार पर अपना निशाना बनाया। चुनावों में पेपर लीक मुद्दे का शायद ये असर ही था कि दोनों राज्यों में तत्कालीन सरकारों की जनता ने लाल झंडी दिखा दी है और जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया वो सत्ता में काबिज हो गए।

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पेपर लीक होने का यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषणों में भी उठाया गया था, जिनके द्वारा पिछले नवंबर में कोटा के कोचिंग हब में चुनावी भाषण में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि ने पार्टी द्वारा सभी परीक्षाओं के पेपर बेचे हैं। पीएम मोदी ने अपनी ओर से गारंटी दी थी कि पेपर लीक में शामिल सभी दोषियों को जेल के दर्शन करवाए जायेंगे

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