यूपी की 10 सीटे पाने के लिए भाजपा को करना पड़ रहा है खून-पसीना एक

आपको बता दें कि लोकसभा की चुनाव अब आने ही वाले हैं, किसी भी समय लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज सकती है। बीजेपी 400 का लक्ष्य लेकर चली हुई है। यूपी की ऐसी सीटों के लिए अपना जी जान लगा देगा।

पश्चिमी यूपी में रालोद के मुखिया जयंत चौधरी पूर्वांचल में सुभस्पा प्रमुख ओपी डीएनए में शामिल करना इसी रणनीति का किस्सा माना जा रहा है का हिस्सा माना जा रहा है। देश की 10 लोकसभा सिम ऐसी हैं जो भाजपा की जीत में कांटे की तरह काम करेंगे।

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पहले भी बीजेपी को यूपी में 10 सीटे पाने के लिए पहले भी भाजपा को यूपी में 10 सिम पाने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ी थी। आपको याद दिलाने की मछली शहर और पश्चिमी यूपी ऐसी ही संसदीय सिम हैं जिनके लिए भाजपा को अपना खून पसीना एक करना पड़ा था। दूसरे नंबर पर थे समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के भतीजे अक्षय यादव जिसमें वोटो का अंतर था 28781। इस बार कहानी में ट्विस्ट है अक्षय यादव और उसके चाचा शशि पाल यादव दोनों साथ-साथ है जिसमें भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।

भाजपा के रणनीतिकारों को पिछले आम चुनाव के बाद ही अंदाजा हो गया था कि 2024 में चुनौती जोरदार हो सकती है. यही वजह है कि इन दस लोकसभा सीटों पर एड़ी चोटी का जोर लगा दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने इन इलाकों का दौरा किया. यहां के लिए विकास कार्यों की घोषणा की गई. विकास कार्यों की समीक्षा के लिए सूबे के दस मंत्रियों को इन दस सीटों का प्रभार दिया गया. भाजपा के आला नेताओं ने भी इन इलाकों में संगठन को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. यहां तक की बूथ लेवल पर भी कई सारे बदलाव किए गए ताकि भाजपा के वोटरों को हर हाल में पोलिंग बूथ तक ले आया जाए. सूत्रों की मानें तो इन सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार भी बदल सकती है. बाकी एनडीए का कुनबा बढ़ाना और इंडिया गठबंधन (INDI Block) में बिखराव का फायदा भी भाजपा को मिलने की उम्मीद तो जताई ही जा सकती है. हालांकि ये पब्लिक है, ये कब-किसे सिर पर चढ़ा दे और किसे जमीन पर पटक दे, इसका पता तो सिर्फ प्रभु, हरिराम, जगन्नाथम, प्रेमा नंदी को ही हो सकता है

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