SCके पास पहुंची कर्नाटक सरकार जब केंद्र से पैसा नहीं मिला
सोमवार यानि की पिछले दिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा की धन आवंटन से जुड़े हुए मामलों में ऐसी टेन्डेन्सी बन गयी है कि , अलग – अलग राज्य सरकारें केंद्र के विरुद्ध अदालत चली आती है । आला अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों को नसीहत भी दी कि आपस में न उलझे।
कर्नाटक सरकार द्वारा केंद्र सरकार पर दोष लगाए हैं कि वो राज्य को सूखे के प्रबंधन के लिए वित्तीय सहायता नहीं दी जा रही है। राज्य सरकार के लिए दलील देने आये वरिष्ठ कपिल सिब्बल ने जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच को बताया कि पीएम मोदी सरकार नियमो का पालन नहीं कर रही है । और आपको बता दें कि रूल्स के हिसाब से , ऐसे में केंद्र राज्य सरकार की तरफ से अंतर् -मंत्रलयी केंद्रीय टीम की रिपोर्ट मिल जाती है । तो उन्हें एक महीने के अंदर फिनांशियल मदद देने का आखिरी निर्णय लेना होता है । कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने बात की कि कर्नाटक सरकार ने सितम्बर , 2023 में ही रिपोर्ट सौंप दी थी , परन्तु आगे कुछ नहीं हुआ।
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केंद्र की तरफ से जिसने दलील रखी वह हैं सोलिस्टर जर्नल तुषार मेहता ने पलटकर कहा कि अगर राज्य के किसी व्यक्ति ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाने के बदले केंद्र से इस बारे में बातचीत की होती तो मामला कब का सुलझ चुका होता और इसके साथ ही उन्होंने याचिका की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया और अदालत से नोटिस भेजने की अपील की है।