यूसुफ पठान पर ममता के दांव का असली गणित अधीर रंजन की करेगा रहें मुश्किलें

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने 42 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। 10 मार्च को. पार्टी ने नुसरत जहां समेत कई मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया। वहीं कई नए चेहरों को लिस्ट में जगह दी। जिसमें एक नाम जो काफी चर्चा में है, वो है पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान का।


यूसुफ पठान का नाम देख लोग जितना ज्यादा चौंके, उससे कहीं ज्यादा जिस सीट से उन्हें टिकट मिली, वो चर्चा का विषय बनी रही। वो सीट है बहरामपुर। जिसे कांग्रेस और उनके नेता अधीर रंजन चौधरी का गढ़ माना जाता है। इस सीट से अधीर रंजन साल 1999 से लगातार जीत हासिल करते रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस ने अभी अपनी लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन काफी हद तक ये तय माना जा रहा है कि टिकट अधीर रंजन चौधरी को ही मिलने वाला है।

अब यूसुफ पठान क्रिकेट के मैदान पर गेंदबाजों की कई सालों तक धुनाई करते रहे हैं। लेकिन बात जब पॉलिटिक्स की आती है, तो यहां उनका अनुभव कुछ खास नहीं रहा है। या यूं कहें कि बिल्कुल ही नहीं रहा है। अब सवाल उठता है कि जब यूसुफ के पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है और उनके सामने अधीर रंजन चौधरी जैसे राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं, फिर इस सीट को लेकर इतनी चर्चा क्यों है? सिर्फ इसके पीछे की वजह यूसुफ पठान का एक सेलिब्रिटी होना है या इसके पीछे ममता बनर्जी और उनकी पार्टी का कोई खास मकसद है? विस्तार से जानते हैं।

अधीर रंजन पर सीधा निशाना


पहले बात बहरामपुर सीट की करते हैं। ये सीट मुर्शिदाबाद जिले में आती है, इलाका मुस्लिम बहुल है। जहां मुसलमानों की आबादी लगभग 52 फीसदी है। सीट पर लड़ाई हमेशा कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच ही रही है। लेकिन साल 1999 से अधीर रंजन चौधरी लगातार इस सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं। लगभग एकतरफा, आंकड़े देख लीजिये।

अब ये आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि अधीर रंजन को यहां हराने का तो छोड़िए, उन्हें कोई टक्कर भी नहीं दे पा रहा है. लेकिन यूसुफ पठान, जो कि मुस्लिम समुदाय से आते हैं, के इस सीट से उम्मीदवार बनने के बाद अधीर रंजन चौधरी की मुश्किलें काफी हद तक बढ़ सकती हैं. इंडिया टुडे से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार जयंती घोषाल ने इस बारे बताया,

“TMC काफी हद तक ये बात मानती आई है कि बहरामपुर अधीर रंजन का गढ़ है. और इस सीट से वो उन्हें लगभग वॉकओवर ही देती आई थी. लेकिन यूसुफ पठान को इस सीट से उतारना ममता बनर्जी का एक मास्टर स्ट्रोक है. एक तो वो मुस्लिम हैं, दूसरी बात यह कि उनका सेलिब्रिटी स्टेट्स भी अधीर रंजन चौधरी के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है.”

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