चौसा पावर प्लांट में किसान कर रहे एक सदस्य की नौकरी, आरएनआर पॉलिसी लागू की मांग
बिहार के बक्सर में चौसा पावर प्लांट लगाया जा रहा है जिसको लेकर किसानो के बीच में आंदोलन लगातार जारी है। किसानों ने 20 मार्च को आंदोलन को बढ़ावा देते हुए पावर प्लांट के मेन गेट पर जाम लगा दिया। जिसके बाद पुलिस ने किसानो पर लाठीचार्ज किया और इस झड़प में दोनों तरफ से लोग घायल हो गए।
आपको बता दें कि खबर के अनुसार जमीन के मुआवजे को लेकर प्रदर्शन जारी है और बताया जा रहा है कि पुलिस के लाठीचार्ज के बीच किसानो ने पथरबाजी शुरू कर दी जिसमे बक्सर के SP मनीष कुमार ने बताया कि घटना के दौरान अधिकारीयों समेटा बीस से ज्यादा पुलिस वाले घायल होगये हैं और उनको कोई मेडिकल फेसिलटी नहीं मिल पायी है।
रिपोर्ट के अनुसार 1320 मेगावाट के चौसा पावर प्लांट में किसान पिछले साल से विरोध कर रहे हैं। फिर उनको कोई भी सुनवाई न होने पर वह ग्यारह मार्च से धरने पर गेट के सामने बैठ गए हैं। जिसमे जमीन का मुआबजा और किसानो के परिवार के एक – एक सदस्य को नौकरी की मांग की गयी है।
जो किसान धरने पर बैठत थे उनको हटाने के लिए चौसा पावर प्लांट के अधिकारीयों ने स्थानीय प्रशासन की मदद ली । प्रशासन द्वारा किसानो को हटाने का अल्टीमेटम जारी किया और उसके चौबीस घंटे बाद भी जब किसान नहीं गए तो पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया।
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इस मामले को लेकर बिहार में विपक्षी दल ने सरकार पर हमला बोल दिया है । RJD में मृत्युंजय तिवारी ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किये। और कहा
“महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. किस कानून के तहत पुलिस स्थानीय घरों की छतों पर चढ़कर महिलाओं पर हमला करती है?”
इस प्लांट के लिए 1058 एकड़ जमीन ली जा रही है , तो किसान इसके बदले में उचित मुआवजे, परिवार के एक सदस्य की नौकरी, आरएनआर पॉलिसी लागू करने समेत 11 सूत्री मांग कर रहे हैं।