अब 800 साल पुरानी ” ढाई दिन का झोपड़ा मस्जिद” को दोबारा से देवालय और संस्कृत शिक्षण में बदलने कि चाह जताई बीजेपी ने
अयोध्या , काशी और मथुरा के बाद अब राजस्थान के अजमेर में आठ सौ साल पुरानी मस्जिद को लेकर विवाद हो सकता है। अब भाजपा के नेता बाहरवीं सदी में बनी इस मस्जिद की जगह हिन्दू मंदिर या संस्कृत शिक्षा केंद्र खोलने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर जिन्होने केंद्र सरकार के संस्कृत और पर्यटन मंत्री श्री किशन जी को खत लिखकर इसे भारतीय समाज पर कलंक बताया है।
क्या है पूरा मामला
ये भी दावा किया जा रहा है कि कुतुबुदीन ऐबक ने देवालय और संस्कृत शिक्षण केंद्र को हटा कर यहाँ पर “ढाई दिन का झोपड़ा” बनबाया था। अब जयपुर के संसद रामचरण बोहरा ने केंद्रीय मंत्री को खत लिखा और कहा कि ढाई दिन का झोपड़ा जिसे कि बाहरवीं सदी में महाराज विग्रहराज चौहान द्वारा देवालय और संस्कृत शिक्षण के रूप में बनाया गया था उसे मोहम्मद गौरी के कहने से कुतुबुदीन ऐबक ने तोड़ दिया था। यह भारत के संस्कृत का चिन्ह था परन्तु इस्लाम के आतंक का यह चिन्ह आज भी भारत में कलंक के रूप में है।
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बोहरा का चाहना है कि इसे दोबारा से संस्कृत शिक्षा कें बनाया जाये , इसे महाराज विग्रहराज चौहान लोकोत्तर एंड कृतित्व के साथ ही पुरातत्व संस्कृति शिक्षण संस्थान को पुनः स्थापित किया जाये, आपको बता दें कि ढाई दिन का झोपड़ा ख्वाजा मोईदुइन चिश्ती कि दरगाह से 500 मीटर कि दूरी पर ही स्थित है। यह ASI डिपार्टमेंट से संरक्षित है और ढांचे के अंदर पांचो वक़्त कि नमाज पढ़ी जाती है। यह अजमेर के साथ ही है इसलिए बहुत से लोग ढाई दिन का झोपड़ा भी देखने आते हैं ,
कहा जाता है कि देवालय और संस्कृत शिक्षण को तोड़ कर इसे मात्र ढाई दिन में बनाया गया था इसलिए इसका नामकरण ढाई दिन का झोपड़ा हुआ। और इसमें हिन्दू धर्म से जुड़े चिन्ह भी आपको देखने को मिलेंगे